दोस्तों आज ये कविता लिखी जो आपसे शेयर कर रहा हु , ये कविता नयी पार्लियामेंट के वीडियो के लिए है जो की आज बना रहा हु । मुझे पता नहीं में केसा लिखता हु पर एक बार आप इसे पढ़कर अपने कमैंट्स जरूर लिखना ।

कविता

सत्य के सफर पर चल रहा हु नई दुनिया बनाने ।

क्या है वो नया चलो हम सब भी तो जाने ।

देख लो आज दुनिया वालो ये सत्य का छोटा सा प्रतिरूप है।

सोने की चिड़िया कहलाने वाले भारत का अभिरुप है।

चक्र है ये कल का थमता नहीं ।

नया सफर है आज का क्या दीखता नहीं ।

रुकना नहीं इक़ दिन भी, बस चलते जाना है ।

इसी तरह एक दिन पूरी दुनिया को सजाना है ।

तू भी चल इस सफर पर में अकेला रहा नहीं ।

इस मंजिल में सब हमसफ़र है कोई पराया नहीं।

भूल जा उस दिन को जिसने तुझे रुलाया है ।

हस पड़ अब तो वो दिन आया है।

ये गलियारे कोई आम नहीं मेहनत कश के लिए है ।

तू भी आजा पुकारती है मंजिल ये तेरे लिए भी है ।

अब तो कोई कमी नहीं बस चल पड़, रुक नहीं ।

ये भारत है नई दुनिया का, बस मेहनत कर और कुछ नहीं

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